बलरामपुर: तीन साल बाद सुलझी विभत्स हत्याकांड की गुत्थी, पुलिस ने तीन आरोपियों को किया गिरफ्तार



( मीडिया सम्मान परिवार) सुनील कुमार चेरवा  करोंधा: बलरामपुर जिले के करोंधा थाना क्षेत्र में तीन साल पहले हुई एक सनसनीखेज हत्या की गुत्थी आखिरकार पुलिस ने सुलझा ली है। यह मामला 27 फरवरी 2022 का है, जब ग्राम करांडाड में सड़क किनारे एक व्यक्ति का क्षत-विक्षत शव बरामद हुआ था। अज्ञात हत्यारों ने शव के नौ टुकड़े कर उसे अधजली अवस्था में सड़क किनारे फेंक दिया था। शव की पहचान ग्राम भवानीपुर निवासी कमिल साय के रूप में हुई थी। पुलिस ने इस मामले में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ 28 फरवरी 2022 को धारा 302 और 201 के तहत मामला दर्ज किया था।

तीन साल बाद ऐसे सुलझा मामला

हत्या की वीभत्सता को देखते हुए पुलिस ने कई दृष्टिकोणों से जांच की, लेकिन तीन साल तक कोई ठोस सुराग नहीं मिला। पुलिस अधीक्षक वैभव देकर के निर्देश पर पुराने अनसुलझे मामलों की जांच में आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक तकनीकों का सहारा लिया गया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) कुसमी के मार्गदर्शन में मामले के इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड और गवाहों की दोबारा समीक्षा की गई।

पुलिस की मेहनत रंग लाई और 28 फरवरी 2025 को करोंधा पुलिस को सूचना मिली कि ग्राम भवानीपुर के तीन व्यक्तियों की इस हत्या में संलिप्तता हो सकती है। इस जानकारी के आधार पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन संदिग्धों—फुलेश्वर राम, नंदलाल और राहुल उर्फ दीपकचंद—को हिरासत में लिया। जब उनसे कड़ाई से पूछताछ की गई तो उन्होंने अपना अपराध स्वीकार कर लिया।

हत्या की वजह और वारदात का खुलासा

आरोपियों के मुताबिक, जनवरी-फरवरी 2022 में फुलेश्वर राम ने अपने खेत में मटर की फसल लगाई थी। लेकिन जंगली सूअर फसल को नुकसान पहुंचा रहे थे। 25 फरवरी 2022 को गांव में अर्जुन उरांव के घर सिंदूर गुलिया कार्यक्रम था। उसी शाम तीनों दोस्तों ने मिलकर खेत में नंगे जीआई तार को 11 हजार वोल्ट की बिजली लाइन से जोड़कर करंट प्रवाहित कर दिया, ताकि जंगली सूअर को रोका जा सके।

रात 10-11 बजे के करीब एक तेज आवाज सुनकर तीनों वहां पहुंचे तो देखा कि गांव के ही कमिल साय करंट की चपेट में आकर जल चुके थे। घबराहट में तीनों ने शव को वहीं छोड़ दिया। अगली रात फुलेश्वर राम और नंदलाल ने लोहा काटने का गड़ासा और टंगिया लेकर शव को टुकड़ों में काटा और उन्हें प्लास्टिक की बोरियों में भरकर ऑटो से करांडाड के पास सड़क किनारे फेंक दिया। इसके बाद शव से जुड़े अन्य सबूतों को भी अलग-अलग स्थानों पर ठिकाने लगा दिया।

गिरफ्तारी और आगे की कार्रवाई

करोंधा पुलिस ने 1 मार्च 2025 को तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है। इस मामले को सुलझाने में थाना प्रभारी विरासत कुजूर, उपनिरीक्षक दशरथ कुजूर, प्रधान आरक्षक निर्मल एक्का, आरक्षक अमित एक्का, श्रवण मरावी, पूणेश कश्यप, रंजीत टोप्पो और जितेंद्र यादव की अहम भूमिका रही।

तीन साल तक अनसुलझी रही यह हत्या पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती थी, लेकिन नवीन तकनीकों और सतत प्रयासों की बदौलत अंततः इस रहस्य से पर्दा उठ गया।

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