विनोद अग्रवाल उर्फ मग्गू सेठ के कारनामे ने ले ली एक और राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र की जान, क्या अब होगा न्याय?



राजपुर-बलरामपुर, 23 अप्रैल 2025: जिला बलरामपुर-रामानुजगंज के राजपुर क्षेत्र में विनोद अग्रवाल उर्फ मग्गू सेठ एक बार फिर सुर्खियों में हैं। हाल ही में उनके खिलाफ पहाड़ी कोरवा समुदाय की सामुदायिक भूमि को धोखाधड़ी से हड़पने का गंभीर आरोप लगा है, यह मामला धमकी तक सीमित नहीं रहा बल्कि बुजुर्ग भईरा पहाड़ी कोरवा (राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र) ने दिनांक 22/04/2025 के दोपहर आत्महत्या कर ली, मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है, समुदाय विशेष के लोगों ने इस बार विरोध प्रदर्शन करने का फैसला लिया है। यह पहली बार नहीं है जब मग्गू सेठ का नाम आपराधिक गतिविधियों से जोड़ा गया हो।

उनके खिलाफ 2009 से 2024 तक बलरामपुर जिले के विभिन्न थानों में कई अपराध दर्ज हैं, जिनमें क्रेशर हत्याकांड, हिंसा, धमकी, और अनुसूचित जनजाति उत्पीड़न जैसे गंभीर मामले शामिल हैं।

नवंबर 2024 में भूमि धोखाधड़ी का मामला…

20 जनवरी 2025 को जिला दंडाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को संबोधित एक शिकायत में, पहाड़ी कोरवा समुदाय के सदस्यों (भिन्सारी, भाला, जीतु, संत राम) ने विनोद अग्रवाल उर्फ मग्गू सेठ पर उनकी सामुदायिक भूमि को धोखाधड़ी से रजिस्ट्री करने का आरोप लगाया। शिकायत के अनुसार, मग्गू सेठ ने महेंद्र कुमार गुप्ता, उदय शर्मा, और पटवारी राहुल सिंह के साथ मिलकर 14 लाख रुपये के चेक (नंबर 768085, तारीख 18.11.24) का उपयोग करके यह रजिस्ट्री की। शिकायतकर्ताओं का दावा है कि उनके उंगलियों के निशान फर्जी तरीके से लिए गए और उन्हें जान से मारने की धमकियाँ दी गईं। उन्होंने रजिस्ट्री रद्द करने, संशोधन रोकने, और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

क्रेशर हत्याकांड और जांच में बाधा…

इससे पहले, मार्च 2022 में बलरामपुर जिले के “क्रेशर हत्याकांड” में भी मग्गू सेठ का नाम सामने आया था। 26 मार्च 2022 को “भारत सम्मान” समाचार पत्र में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, इस हत्याकांड में पुलिस की जांच को गुमराह करने की कोशिश की गई थी। स्थानीय प्रशासन व पुलिस की मदद से जांच में बाधा डाली गई, जिसमें मग्गू सेठ की संलिप्तता संदिग्ध थी। मृतक के परिजनों और ग्राम वासियों ने उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी। उस समय भी सवाल उठा था कि क्या मग्गू सेठ को सजा मिलेगी और कब होगा न्याय?

थाना राजपुर और चौकी बरियों में दर्ज आपराधिक रिकॉर्ड
मग्गू सेठ के खिलाफ बलरामपुर जिले में लंबे समय से आपराधिक गतिविधियों का रिकॉर्ड है। उनके खिलाफ थाना राजपुर और चौकी बरियों में निम्नलिखित अपराध दर्ज हैं:

थाना राजपुर में दर्ज अपराध…

अपराध क्रमांक 48/09, दिनांक 18/03/2009: धारा 147, 148, 149, 294, 506, 323 (मारपीट, गाली-गलौज, धमकी, और बलवा)।

2.  अपराध क्रमांक 133/15, दिनांक 23/08/2015: धारा 365, 342, 294, 506, 323, 31 (अपहरण, बंधक बनाना, गाली-गलौज, धमकी, और मारपीट)।

3.  अपराध क्रमांक 40/16, दिनांक 18/03/2016: धारा 294, 506, 323 (गाली-गलौज, धमकी, और मारपीट)।

4.  अपराध क्रमांक 120/16, दिनांक 22/08/2016: धारा 294, 506, 323, 147, 149, 325 (गाली-गलौज, धमकी, मारपीट, और बलवा)।

5.  अपराध क्रमांक 07/17, दिनांक 24/01/2017: धारा 294, 506, 323, 451, 477, 34, 3-1(एक्स)/(एक्ससी) एक्ससीए (गाली-गलौज, धमकी, मारपीट, घर में घुसना, संपत्ति नुकसान, और अनुसूचित जाति/जनजाति उत्पीड़न)।
कुल: थाना राजपुर में 5 प्रकरणों के साथ एक प्रतिबंधात्मक कार्यवाही (107/16) भी दर्ज है, जो सामाजिक शांति भंग करने की आशंका के तहत की गई थी। इस प्रकार, कुल 6 कार्यवाहियाँ हैं।

चौकी बरियों में दर्ज अपराध…

1.  अपराध क्रमांक 07/120, दिनांक 28/08/2016: धारा 294, 506 (बी), 323, 147, 148, 149 (गाली-गलौज, धमकी, मारपीट, और बलवा)।

2.  अपराध क्रमांक 32/18, दिनांक 20/02/2018: धारा 294, 506, 323, 34 (गाली-गलौज, धमकी, और मारपीट)।

3.  अपराध क्रमांक 34/21, दिनांक 17/06/2020: धारा 287, 304 (।।), 34 (लापरवाही से मृत्यु, और हत्या से संबंधित अपराध)।

4.  अपराध क्रमांक 85/21, दिनांक 30/04/2021: धारा 294, 506, 323, 341, 342, 34 (गाली-गलौज, धमकी, मारपीट, गलत तरीके से रोकना, और बंधक बनाना)।
कुल: चौकी बरियों में उनके खिलाफ 4 प्रकरण दर्ज हैं।
आपराधिक पैटर्न और स्थानीय प्रभाव विनोद अग्रवाल उर्फ मग्गू सेठ के खिलाफ दर्ज अपराधों में एक स्पष्ट पैटर्न देखा जा सकता है। 2009 से 2021 तक उनके खिलाफ हिंसा, धमकी, अपहरण, और अनुसूचित जाति/जनजाति उत्पीड़न जैसे अपराध दर्ज हैं। 2020 में चौकी बरियों में दर्ज अपराध (धारा 287, 304 (।।)) संभवतः क्रेशर हत्याकांड से जुड़ा हो सकता है, क्योंकि क्रेशर व्यवसाय में लापरवाही से मृत्यु की घटनाएँ आम हैं। 2017 में थाना राजपुर में दर्ज अनुसूचित जाति/जनजाति उत्पीड़न का मामला 2024 की पहाड़ी कोरवा समुदाय की शिकायत से मेल खाता है, जो उनके कमजोर समुदायों को निशाना बनाने की प्रवृत्ति को दर्शाता है।

जनता की नाराजगी और न्याय की मांग…

पहाड़ी कोरवा समुदाय ने जिला प्रशासन से मग्गू सेठ और उनके सहयोगियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है। स्थानीय लोगों का कहना है कि मग्गू सेठ लंबे समय से क्षेत्र में प्रभावशाली व्यक्ति के रूप में सक्रिय हैं और उनकी आपराधिक गतिविधियों ने समुदाय को भयभीत किया है। 2022 में क्रेशर हत्याकांड के बाद भी उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग उठी थी, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठा। अब जनता यह सवाल पूछ रही है कि क्या मग्गू सेठ को सजा मिलेगी और कब होगा न्याय?

पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया…

जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय ने नवंबर 2024 की शिकायत पर जांच शुरू करने की बात कही है, लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। स्थानीय लोगों ने मांग की है कि मग्गू सेठ के खिलाफ सभी पुराने मामलों की समीक्षा की जाए और उनके प्रभाव को खत्म करने के लिए कड़े कदम उठाए जाएँ। पुलिस सूत्रों के अनुसार, मग्गू सेठ की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है, और जल्द ही कार्रवाई की उम्मीद है।

निष्कर्ष…

विनोद अग्रवाल उर्फ मग्गू सेठ बलरामपुर जिले में 2009 से 2024 तक आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहे हैं। क्रेशर हत्याकांड से लेकर पहाड़ी कोरवा समुदाय की भूमि हड़पने तक, उनके खिलाफ हिंसा, धमकी, और उत्पीड़न के कई मामले दर्ज हैं। यह स्थिति जिला प्रशासन और पुलिस के लिए एक गंभीर चुनौती पेश करती है। अब देखना यह है कि क्या मग्गू सेठ को सजा मिलेगी और क्या जल्द होगा न्याय?

विनोद अग्रवाल उर्फ मग्गू सेठ के खिलाफ आपराधिक गतिविधियों और अवैध संपत्ति अर्जन के आरोपों ने एक बार फिर सुर्खियां बटोरी हैं।

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, मग्गू सेठ की संपत्तियों की वैधता पर सवाल उठ रहे हैं, और इसे Proceeds of Crime मानकर Enforcement Directorate (ED) और पुलिस से जांच की मांग की जा रही है।
क्या है मामला?
2009 से 2024 तक मग्गू सेठ पर हत्या, जबरन वसूली, और जमीन हड़पने जैसे संगीन अपराधों के आरोप हैं। इसके बावजूद, उनके पास प्रॉपर्टी, क्रेशर, और ट्रांसपोर्ट जैसे व्यवसायों में मजबूत पकड़ है। विशेष रूप से पहाड़ी कोरवा समुदाय की जमीनों को फर्जी रजिस्ट्री के जरिए हड़पने के मामले ने स्थानीय लोगों में आक्रोश पैदा किया है। जानकारों का कहना है कि यह “Land Grab under disguise of Power” का स्पष्ट उदाहरण है।
Proceeds of Crime और कानूनी प्रावधान
Prevention of Money Laundering Act (PMLA), 2002 के तहत, कोई भी संपत्ति जो अपराध से अर्जित की गई हो, Proceeds of Crime मानी जाती है। ऐसी संपत्तियां, अगर अघोषित आय, फर्जी कंपनियों, या बेनामी नामों पर खरीदी गई हों, तो ED द्वारा जब्त की जा सकती हैं। इसके अलावा, Benami Transactions Act के तहत बेनामी संपत्तियों पर भी कार्रवाई संभव है।
शक की वजहें
1.  लंबा आपराधिक इतिहास: मग्गू सेठ का 15 सालों से अपराधों में सक्रिय होना, लेकिन घोषित आय का अभाव।
2.  जमीन हड़पने का खेल: आदिवासी समुदाय की जमीनों को फर्जी तरीकों से कब्जाने के आरोप।
3.  अधिकारियों से सांठगांठ: मिलीभगत के जरिए benami transactions और asset shielding की आशंका।
क्या हो सकती है कार्रवाई?
1.  संपत्ति जब्ती: ED द्वारा संपत्तियों को Proceeds of Crime मानकर अटैच करना।
2.  आयकर छापेमारी: Income Tax Department द्वारा अघोषित आय और खर्चों की जांच।
3.  PMLA केस: IPC या SC/ST Act के तहत दर्ज FIR के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज करना।
4.  बेनामी संपत्ति पर कार्रवाई: फर्जी नामों पर दर्ज संपत्तियों को जब्त करना।
स्थानीय प्रतिक्रिया
स्थानीय आदिवासी समुदाय और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि मग्गू सेठ की संपत्तियों की निष्पक्ष जांच हो। एक कार्यकर्ता ने कहा, “यह सिर्फ एक व्यक्ति की कहानी नहीं, बल्कि सिस्टम के दुरुपयोग का मामला है। अगर जांच नहीं हुई, तो यह अन्य अपराधियों को प्रोत्साहन देगा।”
आगे क्या?
फिलहाल, पुलिस और ED की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि मग्गू सेठ के खिलाफ सबूत जुटाए जा रहे हैं। यदि जांच शुरू होती है, तो यह रायगढ़ में आपराधिक गतिविधियों और अवैध संपत्ति अर्जन के खिलाफ एक बड़ा कदम हो सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!