
सैफ सिद्दीकी/रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने जमीन की खरीद-फरोख्त के बाद नामांतरण (mutation) की प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और त्वरित बनाने के उद्देश्य से एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। अब तक नामांतरण का अधिकार तहसीलदारों के पास होता था, लेकिन नए नियमों के तहत यह अधिकार अब रजिस्ट्रार और सब-रजिस्ट्रार को सौंप दिया गया है।
सरकार ने इस संबंध में गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है, जिसके अनुसार अब रजिस्ट्री के साथ ही नामांतरण की प्रक्रिया स्वतः पूर्ण मानी जाएगी। इसका मतलब है कि अब जमीन की रजिस्ट्री होते ही मालिकाना हक संबंधित खरीदार के नाम पर स्वतः दर्ज हो जाएगा।
क्या होगा बदलाव का असर?
तहसीलदारों से नामांतरण की शक्तियाँ समाप्त।
रजिस्ट्रार/सब-रजिस्ट्रार को मिला नया अधिकार।
रजिस्ट्री के साथ ही होगा ऑटोमेटिक नामांतरण।
जमीन विवादों और फर्जीवाड़े पर लगेगी रोक।
राज्य सरकार का मानना है कि इससे भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी और आम जनता को लंबे समय तक तहसीलों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। जमीन संबंधी विवादों की संख्या में भी कमी आने की संभावना है।
यह फैसला डिजिटल और पारदर्शी शासन की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
