ईद क्यों मनाते हैं मुसलमान? जानिए इस पावन पर्व का महत्व



बलरामपुर | Zee7 News – पूरी दुनिया में मुसलमान हर साल दो प्रमुख ईद मनाते हैं – ईद-उल-फितर और ईद-उल-अज़हा। यह दोनों त्योहार इस्लामिक मान्यताओं और पैगंबर हज़रत मुहम्मद (सल्ल.) की शिक्षाओं से जुड़े हुए हैं। लेकिन सवाल यह उठता है कि ईद क्यों मनाई जाती है? आइए जानते हैं इस पावन पर्व का महत्व।

ईद-उल-फितर: रमज़ान के बाद ईनाम का दिन

ईद-उल-फितर इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार शव्वाल महीने की पहली तारीख को मनाई जाती है। इसे ‘मीठी ईद’ भी कहा जाता है। यह रमज़ान के पूरे महीने रोज़े रखने के बाद अल्लाह का शुक्र अदा करने का दिन होता है।

ईद-उल-फितर का महत्व

1. इबादत और सब्र का इनाम: रमज़ान के महीने में रोज़े रखकर मुसलमान संयम, इबादत और भलाई के रास्ते पर चलते हैं। ईद-उल-फितर इसी तपस्या का इनाम माना जाता है।

2. ग़रीबों और ज़रूरतमंदों की मदद: इस दिन ‘फितरा’ देना अनिवार्य होता है, जिससे गरीबों को भी त्योहार की खुशी में शामिल किया जाता है।


3. भाईचारे और एकता का संदेश: मस्जिदों में विशेष नमाज़ अदा की जाती है और लोग एक-दूसरे को गले लगाकर ईद की मुबारकबाद देते हैं।



ईद-उल-अज़हा: कुर्बानी की ईद

ईद-उल-अज़हा इस्लामिक महीने ज़िलहिज्जा की 10वीं तारीख को मनाई जाती है। इसे ‘बकरीद’ भी कहा जाता है। यह त्योहार हज़रत इब्राहीम (अलैहिस्सलाम) की अल्लाह के प्रति वफादारी और कुर्बानी की याद में मनाया जाता है।

ईद-उल-अज़हा का महत्व

1. त्याग और समर्पण: हज़रत इब्राहीम (अलै.) ने अल्लाह के हुक्म से अपने बेटे इस्माईल (अलै.) की कुर्बानी देने का फैसला किया था, लेकिन अल्लाह ने उनकी परीक्षा लेने के बाद इस्माईल की जगह एक दुम्बा भेज दिया।


2. संपत्ति का सही उपयोग: कुर्बानी किए गए जानवर के मांस को गरीबों, जरूरतमंदों और रिश्तेदारों में बांटना सिखाया गया है।


3. धार्मिक आस्था और भक्ति: इस दिन दुनिया भर के मुसलमान अल्लाह की इबादत करते हैं और हज यात्रा करने वालों के लिए यह विशेष महत्व रखता है।



निष्कर्ष

ईद सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि इंसानियत, त्याग, भक्ति और समाज में समानता का संदेश देने वाला पर्व है। चाहे मीठी ईद हो या कुर्बानी की ईद, दोनों ही भाईचारे, दया और परोपकार की सीख देती हैं। इसी भावना के साथ हर साल मुसलमान ईद को खुशी और इबादत के साथ मनाते हैं।

Zee7 News के लिए – सैफ सिद्दीकी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!